केवीके, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र द्वारा महिला किसान मेलावा का वर्चुअल आयोजन
केवीके, उस्मानाबाद, महाराष्ट्र द्वारा महिला किसान मेलावा का वर्चुअल आयोजन

03 जनवरी, 2022, उस्मानाबाद

कृषि विज्ञान केंद्र, उस्मानाबाद (महाराष्ट्र) ने 'महिला किसान मेलावा' का वर्चुअल रुप में आयोजन किया। यह संस्थान वीएनएमकेवी, परभणी के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत है।

डॉ लखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, पुणे, महाराष्ट्र ने कृषि महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने पर अधिक ध्यान देने की बात कही। उन्होंने सफल महिला उद्यमियों का उदाहरण दिया। उनकी अधिक चिंता कृषि महिलाओं की उद्यमशीलता क्षमताओं को विकसित करने की थी जो रोपन कृषिकर्म, पशुपालन, देशी ज्ञान का संरक्षण, समय और धन का प्रभावी प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल महिलाएं। उन्होंने कहा कि महिला उद्यमी को सतर्क, अच्छी योजनाकार, जोखिम लेने, श्रेष्ठ बनने के प्रति उत्सुकता, खुद को संगठित करने, उपयुक्त उद्यमों की पहचान करने और बाजार से जोड़ने वाली होनी चाहिए। कुल मिलाकर परिवार की शुद्ध आय बढ़ाने में महिलाओं की भूमिका अधिक होती है।

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डॉ. डी.बी. देवसरकर, निदेशक (विस्तार शिक्षा) वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ, परभणी, महाराष्ट्र ने श्रीमती सावित्रीबाई फुले की 191वीं जयंती के अवसर पर महिला किसान मेलावा से आग्रह किया साथ ही कृषि आधारित उद्यमों और मूल्य वर्धित उत्पादों के विपणन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिला किसानों को फसल पैटर्न में बायोफोर्टिफाइड किस्मों के उत्पादन पर ध्यान देना चाहिए।

श्रीमती प्रांजल शिंदे, परियोजना निदेशक (जिला ग्रामीण विकास प्रौद्योगिकी, उस्मानाबाद) ने सुझाव दिया कि किसान महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। मसाला गांव की प्रगतिशील कृषि महिला श्रीमती शैलजा नरवड़े ने अपने स्वयं सहायता समूह द्वारा विकसित देसी बीज किट की जानकारी साझा की।

सफल उद्यमी श्रीमती वनिता ताम्बाके, प्रियदर्शनी महिला स्वयं सहायता समूह, अक्कलकोट जिला सोलापुर की निदेशक ने व्यक्त किया कि कैसे उन्होंने अपने मूल्य वर्धित उत्पाद व्यवसाय को छोटे पैमाने से बड़े उद्यमिता तक विकसित किया और महाराष्ट्र के बड़े शहरों के बाजार तक अपनी पहुंच बनाई।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. लाला साहब देशमुख, केवीके, उस्मानाबाद ने किया। महिला किसान मेलावा में कुल मिलाकर 450 कृषि महिलाओं ने वर्चुअल रूप से भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थानपुणे)

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