एससीएसपी के तहत आजीविका सुधार कार्यशाला का आयोजन
एससीएसपी के तहत आजीविका सुधार कार्यशाला का आयोजन

26 नवंबर, 2023, सोनामुखी

डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज एससीएसपी वित्त पोषित आजीविका सुधार परियोजना की लॉन्चिंग कार्यशाला का उद्घाटन किया, जिसे केवीके बांकुरा, भाकृअनुप-आईआईएबी, रांची, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, लखनऊ, पशु एवं मत्स्य विज्ञान विभाग, बेलगाछिया, पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय और भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।

डॉ. पाठक ने भाकृअनुप द्वारा विभिन्न दूरस्थ स्थानों में अनुसंधान और विकास परिदृश्य को ऊपर उठाने के लिए किए गए रणनीतिक उपायों पर व्यावहारिक दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने केवीके की उपलब्धियों तथा तथा कृषि पद्धतियों को आगे बढ़ाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। डॉ. पाठक ने बांकुरा केवीके द्वारा समर्थित समूह, दलपुर, श्री ज्ञानानंद सरस्वती आश्रम के सचिव स्वामी माधवानंद सरस्वती को सम्मानित किया। साथ ही, केवीके समर्थित एफपीओ/ एफपीसी के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया।

Livelihood Improvement Workshop under SCSP  Livelihood Improvement Workshop under SCSP

प्रो. एस.एस. दाना, कुलपति, डब्ल्यूबीयूएएफएस, बेलगाछिया ने क्षेत्र में मत्स्य पालन आधारित उद्यमिता विकास की गुंजाइश पर जोर दिया।

प्रो. गौतम साहा, कुलपति, बीसीकेवी, मोहनपुर, नादिया ने कृषक समुदाय की आय में सुधार के लिए भाकृअनुप की भूमिका की सराहना की।

भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता के निदेशक, डॉ. प्रदीप डे ने कहा कि इस तरह के बहु-हितधारक और बहु-संस्थागत एकत्रीकरण का उद्देश्य देश के पठारी क्षेत्रों में आजीविका में वृद्धि के बारे में निष्कर्षों को आगे बढ़ाना, ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देना साथ ही युवाओं द्वारा नौकरी खोजने वालों की जगह रोजगार प्रदाताओं में बदलना है।

डॉ. उत्तम कुमार सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, लखनऊ ने क्षेत्र में मत्स्य पालन क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया।

इस अवसर पर डॉ. सुजॉय रक्षित, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएबी, रांची और डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएसएच, लखनऊ ने भी बात की।

एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई जहां भाकृअनुप-केवीके, बांकुरा द्वारा प्रसार की जा रही विभिन्न प्रौद्योगिकियों और एफपीसी/ एफपीओ के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।

कार्यशाला में लगभग 450 किसान और एफपीओ/ एफपीसी के प्रतिनिधि एकत्र हुए।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)

×