“चंद आर्द्रभूमि, पश्चिम बंगाल के पार्यावरण-प्रतिरोधी अंतर्देशीय मत्स्य-पालन एवं पार्यावरण-प्रतिरोधी मत्स्य-प्रजाती को बढ़ावा” देने के लिए राष्ट्रीय जागरुकता अभियान आयोजित
4 दिसंबर, 2021, प. बंगाल
भाकृअनुप - केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता ने आज “चंद आर्द्रभूमि, पश्चिम बंगाल में पार्यावरण-प्रतिरोधी अंतर्देशीय मत्स्य-पालन एवं पार्यावरण-प्रतिरोधी मत्स्य-प्रजाती को बढ़ावा” देने के लिए चंद आर्द्रभूमि तेहत्ता, नादिया, प. बंगाल में राष्ट्रीय जागरुकता अभियान आयोजित किया।
श्री तपस साहा, विधायक, तेहत्ता, नादिया, प. बंगाव ने संस्थान के पर्यावरण-उदासी जल-कृषि की सराहना करते हुए कहा कि यह विधि अनुसुचित जाति समुदाय के विकास में काफी योगदान दिया है।
डॉ. उत्तम कुमार सरकार, प्रधान अन्वेषक, निक्रा एवं विभागाध्यक्ष, जलाशय और आर्द्रभूमि मात्स्यिकी प्रभाग, भाकृअनुप-सीआईएफआरआई, बैरकपुर ने जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में बाढ़-क्षेत्र आर्द्रभूमि की मत्स्यिकी के प्रबंधन के लिए विभिन्न मुद्दों और नवीन अनुकूलन रणनीतियों के बारे में चर्चा किया। उन्होंने आर्द्रभूमि के संरक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
अभियान का उद्देश्य निक्रा परियोजना के तहत बदलते जलवायु परिदृश्य में आर्द्रभूमि के पर्यावरण-उदासी मत्स्य प्रबंधन पर जन जागरूकता पैदा करना था।
अभियान में चांद आर्द्रभूमि के कुल 45 मछुआरों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता)