सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भाकृअनुप ने नई दिल्ली में भारत-इज़राइल कृषि नवाचार केंद्र स्थापित करने का किया आह्वान

नवंबर 23, 2021, नई दिल्ली

डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भाकृअनुप ने आज तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल एवं उसके अध्यक्ष श्री नाओर गीलॉन, इज़राइली राजदूत, को यहां कृषि भवन नई दिल्ली में आमंत्रित किया।

प्रतिनिधिमंडल ने भारत-इज़राइल के कृषि शोध एवं विकास में सहयोग पर विस्तृत चर्चा किया। भारत-इज़राइल एक दुसरे से काफी समय से जुड़ा है। प्रसिद्ध भारत-इज़राइल उच्च तकनीक कृषि प्रदर्शन इकाई की स्थापना भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ऩई दिल्ली में इज़राइल के राष्ट्रपति द्वारा 31 दिसंबर, 1996 में रखा गया था।

Israel Delegation called on Secretary (DARE) & DG, ICAR to establish Indo-Israel Agri-Innovation Centre in New Delhi  Israel Delegation called on Secretary (DARE) & DG, ICAR to establish Indo-Israel Agri-Innovation Centre in New Delhi

परियोजना के द्वारा पेरी-अर्बन, उच्च तकनीक साधन के द्वारा फूल, सब्जी और फल के उत्पादन के लिए हरित गैस कृषि, नेट हाउस, फर्टिगेशन, मिट्टी रहित खेती एवं खुली मैदानी कृषि को प्रदर्शित किया है। परियोजना की लागत राशि 2 मिलियन डॉलर है जिसका 60 प्रतिशत इज़राइल सरकार तथा 40 प्रतिशत भरत सरकार द्वारा किया गया है। इस अनिवार्य इकाई में हरित गृह, बागवानी, खुली मैदानी कृषि, आधूनिक पैकेजिंग एवं कोल्ड स्टोरेज 10 हेक्टेयर पर बनाया गया था।

यह परियोजना परिरक्षित खेती को बढ़ाने के लिए एक शक्तिशाली केंद्र रहा है एवं बाद में इज़राइली सरकार के सहयोग से हरियाणा तथा अन्य राज्यों में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया। इस परियोजना के अन्तर्गत 3000 पेशेवर व्यक्ति को प्रशिक्षित किया गया। इस प्रोजेक्ट में कई मुख्य मंत्री, 27 विदेशी प्रतिनिधिमंडल एवं साथ लाख से अधिक किसानों ने भाग लिया। संस्थान संरक्षित कृषि को देश के 0.23 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में पहुंचाकर महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

संरक्षित खेती प्रौद्योगिकियों में पिछले 25 वर्षों के दौरान हुई महत्वपूर्ण नवाचारों के आधार पर इज़राइल प्रतिनिधिमंडल ने भाकृअनुप-आईएआरआई में एक इंडो-इज़राइल कृषि-नवाचार केंद्र स्थापित करने का विचार रखा साथ ही संरक्षित खेती में कृषि-उद्यमियों के विकास करने के अलावा परिशुद्ध-खेती में कृषि-नवाचारों का प्रदर्शन करने पर भी जोर दिय़ा।

सचिव (डेयर) और महानिदेशक (भाकृअनुप) ने इस तरह के केंद्र की स्थापना के लिए इज़राइल के साथ सभी सहयोग बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने परियोजना के तकनीकी और प्रशासनिक विवरणों पर काम करने के लिए दोनों पक्षों के विशेषज्ञों के साथ लगातार चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की।

अपर सचिव (डेयर) एवं सचिव (भाकृअनुप), उपमहानिदेशक (फसल विज्ञान); सहायक महानिदेशक (अंतर्राष्ट्रीय संबंध); निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई और डेयर/भाकृअनुप के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। इज़राइल की ओर से, श्री यायर एशेल, कृषि अताशे (एमएएसएचएवी) और श्री ब्रम्हदेव, परियोजना अधिकारी (एमएएसएचवी) बैठक में शामिल हुए।