भाकृअनुप-सीआईएफटी ने केरल कृषि विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर
8 जनवरी, 2022, कोचीन
भाकृअनुप-केंद्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, केरल ने केरल कृषि विश्वविद्यालय, केरल के साथ मछली अपशिष्ट के मछली खाद में रूपांतरण पर एक नई प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, संस्थान ने आज अनुसूचित जाति उप योजना घटक के तहत केरल कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र, कुमरकोम, कोट्टायम के सहयोग से प्रौद्योगिकी प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि, श्री पी. प्रसाद, कृषि मंत्री, केरल सरकार ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा मछली अपशिष्ट को चारा और खाद में परिवर्तित करने के लिए आश्चर्यजनक एवं उपयुक्त तकनीक विकसित करने लिए के संस्थान के प्रयासों की प्रशंसा की। मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रौद्योगिकी पूरे राज्य में मछली बाजारों और प्रसंस्करण वाले उद्योगों में भारी मात्रा में अस्वच्छ मछली अपशिष्ट डंपिंग के प्रभावी प्रबंधन में मदद करेगी।
डॉ. आर. चंद्र बाबू, कुलपति, केरल कृषि विश्वविद्यालय, केरल ने मछली अपशिष्ट से जैविक खाद या मछली फीड के उत्पादन के माध्यम से जैविक खेती के लक्ष्य को प्राप्त करने एवं राज्य को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की पहल की सराहना की।
डॉ. रविशंकर सी.एन., निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफटी, कोचीन ने मछली अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी फीड या खाद की तैयारी के लिए मछली के कचरे में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के सर्वोत्तम उपयोग में मदद करेगी।
कार्यक्रम में विभागीय अधिकारियों, मछुआरों और उद्यमियों सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, केरल)