"चारा फसलें एवं उसके उपयोग" पर भाकृअनुप-एआईसीआरपी की राष्ट्रीय समूह बैठक आयोजित
13 – 14 जून, श्रीनगर
चारा फसलों और उपयोग पर भाकृअनुप-अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना, झांसी, उत्तर प्रदेश की "खरीफ - 2022 पर राष्ट्रीय समूह की बैठक" का आयोजन 13 से 14 जून, 2022 तक शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में किया गया।
मुख्य अतिथि, डॉ. तिलक राज शर्मा, उप महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप ने पोषक तत्वों से भरपूर और बायोफोर्टिफाइड चारे की किस्मों को विकसित करने के लिए जैव-तकनीकी उपकरणों के उपयोग का आग्रह किया। डॉ. शर्मा ने पौष्टिक चारा उपलब्ध कराकर पशुधन की उत्पादकता बढ़ाने पर भी जोर दिया।
प्रो. (डॉ.) नज़ीर अहमद गनई, कुलपति, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, श्रीनगर ने अपने संबोधन में उन तरीकों को रेखांकित किया, जिनसे कश्मीर के दुर्गम क्षेत्रों में महिलाएं सर्दियों के लिए चारा का संरक्षण करती हैं। उन्होंने कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में चारा फसलों की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि, डॉ. आर.के. सिंह, एडीजी (सीसी और एफएफसी), भाकृअनुप ने देश में चारा संसाधनों को बढ़ाने के लिए नई तकनीकों को विकसित करने और खेतों में उन्हें अपनाने पर जोर दिया।
विशिष्ट अतिथि, डॉ. अमरेश चंद्रा, निदेशक, भाकृअनुप-आईजीएफआरआई, झांसी ने नई प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से उपजाऊ बीएन हाइब्रिड के विकास में संस्थान द्वारा की गई विभिन्न पहलों को रेखांकित किया।
बैठक में देश भर से 140 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: परियोजना समन्वय इकाई, चारा फसलों और उपयोग पर भाकृअनुप-एआईसीआरपी, भाकृअनुप-भारतीय चरागाह और चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी, उत्तर प्रदेश)