केवीके, बदनापुर, जालना, महाराष्ट्र के प्रशासनिक भवन का उद्घाटन
5 मई, 2022, जालना
डॉ. अशोक कुमार सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने आज यहां कृषि विज्ञान केंद्र, बदनापुर, जालना, महाराष्ट्र के नए प्रशासनिक भवन, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला और जैव-कीटनाशक उत्पादन प्रयोगशाला का वर्चुअल उद्घाटन किया।
डॉ. सिंह ने अपने उद्घाटन संबोधन में देश के किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केवीके द्वारा किये गये प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मुर्गी पालन, बकरी पालन, बागवानी नर्सरी और मशरूम की खेती जैसे अतिरिक्त उद्यमों की शुरूआत से किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। डीडीजी ने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), फसल अवशेष प्रबंधन, जल संसाधन उपयोग, संरक्षण कृषि, खेती की लागत को कम करने, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के माध्यम से किसानों को बाजारों से जोड़ने पर भी जोर दिया। डॉ. सिंह ने किसानों तक विकसित प्रौद्योगिकियों की पहुंच के लिए केवीके की भूमिका को रेखांकित किया।
डॉ. ए.एस. धवन, कुलपति, वसंतराव नायक मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ, परभणी, महाराष्ट्र ने किसानों के सामने चुनौतियों और अवसरों एवं उन्हें रणनीतिक रूप से हल करने में केवीके की भूमिका की सराहना की। उन्होंने केवीके से अच्छा प्रदर्शन फार्म विकसित करने के लिए ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया, जो क्षेत्र के किसानों के लिए उपयोगी होगा।
कृषि रत्न, श्री विजय अन्ना बोराडे, ट्रस्टी, एमएसएसएम, जालना, महाराष्ट्र ने केवीके के वैज्ञानिकों को जमीनी स्तर पर कृषि समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने का सुझाव दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बदनापुर परिसर को दलहन के शोध में उत्कृष्ट योगदान और दलहन की जलवायु-लचीला किस्मों के विकास के लिए मान्यता प्राप्त है।
डॉ. लखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र ने हर महीने की 20 तारीख को होने वाली किसान-वैज्ञानिक-मंच बैठक की पहल के लिए केवीके के काम की सराहना की।
डॉ. डी.बी. देवसरकर, निदेशक, विस्तार शिक्षा, वीएनएमकेवी, परभणी ने कम समय के दौरान केवीके द्वारा की गई पहल को रेखांकित किया।
डॉ. एस.डी. सोमवंशी, प्रमुख, केवीके, जालना - II, महाराष्ट्र ने स्वागत संबोधन दिया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न वर्गों के 200 से अधिक किसानों, विस्तार कार्यकर्ताओं, वैज्ञानिकों और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र)