केंद्रीय कृषि मंत्री ने भाकृअनुप-अटारी गुवाहाटी के नए प्रशासनिक भवन का किया वर्चुअल उद्घाटन
29 दिसंबर, 2021, नई दिल्ली
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "पूर्वोत्तर राज्यों को प्राकृतिक खेती के साथ-साथ जैविक खेती के केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।" श्री तोमर आज कृषि भवन, नई दिल्ली में आयोजित भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-6, गुवाहाटी, असम के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन के वर्चुअल उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने देश में फसलों के विविधीकरण और अच्छी गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने में कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा निभाई गई अद्वितीय भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे देश की प्रगति में तेजी आई है। श्री तोमर ने प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बड़े पैमाने पर अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों में ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देने के अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने भाकृअनुप-अटारी, गुवाहाटी के नए प्रशासनिक भवन के उद्घाटन को परिषद द्वारा की गई विभिन्न प्रगति में एक नया आयाम माना। मंत्री ने कृषि क्षेत्र में ड्रोन और नैनो प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ाने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। मंत्री ने “किसानों का पहला” कार्यक्रम में महिला किसानों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री चौधरी ने देश के दूर-दराज के किसानों को किसान उत्पादक संगठनों से जोड़ने पर भी जोर दिया।
श्रीमती रानी ओजा, संसद सदस्य (लोकसभा), गुवाहाटी, असम ने पूर्वोत्तर भारत में कृषि के विकास में केवीके की भूमिका की सराहना की।
डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव (डेयर) और महानिदेशक (भाकृअनुप) ने पूर्वोत्तर राज्यों के 44 जिलों के 81 गांवों को जोड़ने के लिए परिषद के मुख्य उद्देश्य को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 9 जिलों में नैनो यूरिया के परीक्षण से उपज में 15% से 20% तक की वृद्धि हुई है। महानिदेशक ने जोर देते हुए कहा कि भाकृअनुप-अटारी, गुवाहाटी एकीकृत खेती को बढ़ावा देगा।
डॉ अशोक कुमार सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने स्वागत संबोधन में कहा कि असम, सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश के केवीके पूर्वोत्तर राज्यों के एफपीओ को मजबूत कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम में भाकृअनुप और इसके संस्थानों के उप महानिदेशक और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
डॉ. ए.के. त्रिपाठी, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, गुवाहाटी, असम ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि ज्ञान प्रबंधन निदेशालय, नई दिल्ली)