अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति परिवारों के लिए कट्टूर और थोनिवेरु के तटीय गांवों के बीच मध्यस्थता शुरू
1 नवंबर, 2021
भाकृअनुप-केंद्रीय खारा जल कृषि संस्थान, चेन्नई ने आज तटीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति परिवारों के लिए कट्टूर और थोनिवेरु गांवों के बीच मध्यस्थता का शुभारंभ किया।
डॉ. के.पी. जितेंद्रन, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईबीए, चेन्नई ने अपने संबोधन में अनुसूचित जाति विशेष कार्यक्रम (एससी-एसपी) और एसटीसी/टीएसपी को लागू करने के मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि खारे पानी की कृषि और प्रौद्योगिकि के एकीकरण के बारे में समझाया, जैसे, तालाब और कलमों में दो-स्तरीय मिल्कफिश खेती, हापास में सीबेस नर्सरी, पेन और लो वॉल्यूम फ्लोटिंग केज, पेन और बॉक्स में केकड़े की खेती और मछली खाद्य बिक्री इकाई के साथ-साथ तटीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति परिवारों के समग्र विकास के लिए कृषि आधारित योजनाओं के तहत दिये जाने वाले तकनीक जैसे पोल्ट्री फार्मिंग, सब्जी बागवानी तथा युवाओं और बच्चों के लिए अध्ययन केंद्र की स्थापना करना है।
डॉ. जितेंद्रन ने एससी और एसटी लाभार्थियों और उनके बच्चों को कृषि इनपुट और यूनिट सौंपे।
कार्यक्रम में जल कृषिःकर्ताओं और मछूआरों, आदिवासियों, ग्राम नेताओं, अधिकारियों और भाकृअनुप-सीआईबीए के स्टाफ सदस्यों सहित लगभग 110 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय खारा जल कृषि संस्थान, चेन्नई)