17 अगस्त, 2024, बीकानेर
भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) द्वारा अनुसूचित जाति उप-योजना के तहत बीकानेर के गांव सोनियासर मीठिया, डूंगरगढ़ में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से आज ‘पशु स्वास्थ्य प्रबंधन एवं स्वच्छ दूध उत्पादक’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक, श्री रमेश ताम्बिया ने महिलाओं के उत्थान हेतु स्व-रोजगार की बात की जिसके माध्यम से आत्मनिर्भरता प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी भी साझा की जिसका लाभ उठाकर महिला किसान स्वावलंबन की ओर बढ़ सकती हैं।
एनआरसीसी के निदेशक, डॉ. आर.के. सावल ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं का पशुधन प्रबंधन में योगदान सराहनीय है तथा इस व्यवसाय में उनके ज्ञान को समयानुसार अपडेट किया जाना चाहिए ताकि महत्तम वृद्धि को प्राप्त की जा सके। उन्होंने पशुओं के लिए मौसमी चारों, जैसे- सेवन व धामण घास एवं क्षेत्र विशिष्ट वनस्पतियों आदि का आपात स्थिति हेतु संग्रहण पर जोर दिया, जिससे व्यावसायिक रूप से स्च्छ दूध का उत्पादन किया जा सके।
राजीविका मिशन डूंगरगढ़ के ब्लॉक परियोजना प्रबंधक, श्री रघुनाथ डूडी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
क्षेत्र की ‘ड्रोन दीदी’ मैना देवी ने पशु पालन संबद्ध सरकारी अनुदानों पर प्रकाश डाला तथा इस हेतु सभी को जागरूक होने की आवश्यकता जताई।
राजीविका मिशन से जुड़ी गांव की 50 से अधिक महिलाओं को पशुपालन व्यवसाय से जुड़े विषय पर प्रशिक्षण दिया गया साथ ही आर्थिक हानि से बचाने हेतु पशुओं में होने वाली मौसमी बीमारियों, यथा- आफरा, खुरपका-मुंहपका, थनैला, निमोनिया, चीचड़ तथा त्वचा आदि रोगों के बचाव हेतु गहन चर्चा की गई।
(स्रोतः भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर)
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